White बिखरने से सँवरने तक, जिन्होंने दिया साथ हमारा..! भविष्य निधि जैसे बन के, आगे उनका जीवन निखारा..! मिठास घोली खुशियों की, दूर किया हर ग़म ये खारा..! एक एहसान के बदले हमने, हज़ारों बार किया ख़ुद को तुम्हारा..! कर भला तो भला ये, जग में दिखे ख़ूब नज़ारा..! उजाड़ने से बेहतर है बनो, किसी बेसहारे का तुम सहारा..! सुन्दर इस धरा पे हम सबको, इंसान बना के ईश्वर ने उतारा..! नतमस्तक है इंसानियत के आगे, सम्पूर्ण विश्व ये हरदम सारा..! ©SHIVA KANT(Shayar) #Bikharnesesanwarnetak