पल्लव की डायरी मटकिया मक्खन की नाच नाच जाये बुलन्दियों पर टँगी, किसी के हाथ मे ना आये सरकार की तरह सबको सताये जाये हम सब बौने,उसकी ऊँचाई बढ़त जाये कानून का पानी फेक फेक उस तक पहुँच नही पात एक के ऊपर चढ़ चढ़कर एकता की मंजिल बनाये तब भी महँगाई की मटकिया,फूट नही पात जोर शोर से नारे लगाये के फिर भी सरकारी मटकिया तस से मस नही होय पात जब जयकारों कान्हा को लगाओ तब मटकी फूट मक्खन हाथ लग पाओ प्रवीण जैन पल्लव ©Praveen Jain "पल्लव" #DearKanha मटकिया मक्खन की नाच नाच जाये #DearKanha