जो हर-पल मरने की बात करते थे कभी, आज जिंदा रहने की ज़िद पर अड़े है वो..... जो आसमां को खीजते थे कभी, आज हौसलों के पंख लेकर उड़ने को खड़े है वो..... जो हताश होकर जमीं पर चीख़ते थे कभी, आज खामोश होकर कब्र में पड़े हैं वो... जो नादानियों के मेले में खोने की ज़िद्द रखते थे कभी, आज तन्हाइयों के कारवाँ में खड़े है वो... जो झूठ के रेलो में चलते थे कभी, आज सच बोलने के लिये जिद्द पर अड़े है वो... …..मोहित..... #jidd par Ade hai wo...