जरा सा दिल के कहकहे हैं ये जरा सी ज़िन्दगी के ख्वाब है जरा सी नज़ाकत पे ये कैसा सवाल है जरा सी उल्फत मेरी तुम पे वार है जरा सा दिल के कहकहें हैं ये जरा सी जिंदगी के ख्वाब है याद सफर कारवां तुम ने ना देखी होगी दास्तां यूं गुमसुम सी राहों पे निकलो कभी बन के अल्हड़ से फिर कहीं फिर कभी होगी मुलाकात फिर जरा सी जिंदगी के ख्वाब है जरा सा दिल के कहकहेे हैं ये जरा सा थाम लो हाथ तुम जरा सी उल्फत मेरी तुम पे वार है जरा सी जिंदगी के ख्वाब है ©Prachi Singh #ज़रासीज़िन्दगी #1st post #prachisingh #creation🖤 #dearzindgi