मोहब्बत है क्या चीज़ सिर्फ अहसास है, ये जो मुहब्बतहै। दूर जाकर भी, रहती आस-पास है।। लब्जों में वयां करना मुमकिन ही नहीं खामोशियां ही बन जाती आवाज है मुस्कुराती रहती हैआंखें बेसबब ही हर अंदाज मुहब्बत का होता खास है।। दिदार-ए-यार से जी भरता ही नहीं। यह तो न बुझने वाली होती प्यास है।। #ये जो मुहब्बत है।