Nojoto: Largest Storytelling Platform

जो हर लम्हा खुलकर बिताया करती थी, आज सिमट कर रहना

जो हर लम्हा खुलकर बिताया करती थी, 
आज सिमट कर रहना अच्छा लगता हैं, 
लोगों की तो बात ही कहां , आज तो आईने ने भी पहचानने से इंकार कर दिया,  मुझे बोला तुम वो तो नहीं जो हर रोज मेरे साथ मुस्कुराया करती थी।।।।।

©Uday Kanwar
  पहचान✍️
udaykanwar4597

Uday Kanwar

New Creator

पहचान✍️ #Quotes

306 Views