जन्मभूमि यदि जननी कहलाती है, तो राष्ट्र निःसन्देह जनक होता है।जिसकी छत्रछाया में फलते फूलते हैं। हमारे नाम के आगे लगा होता है,राष्ट्रीयता के रूप में विश्वव्यापी पहचान पत्र होता है केवल *राष्ट्र*वहाँ हम केवल भारतीय या हिंदुस्तानी होते हैं। न जाति न धर्म हमारी पहचान होता है। सर्वप्रथम राष्ट्र हिंदुस्तान अंकित होता है।अतः हम सब केवल इसकी संतान है केवल बालिका और बाल हैं.! जिसमें पैदा हुए गुदड़ी के लाल! श्री लालबहादुर शास्त्री जी को जन्मजयंती पर शत शत नमन 🙏🙏🌹🌹 जन्मभूमि यदि जननी कहलाती है तो राष्ट्र निःसन्देह जनक होता है, जिसकी छत्रछाया में फलते फूलते हैं। जो हमारे नाम के आगे लगा होता है, राष्ट्रीयता के रूप में विश्वव्यापी पहचान पत्र होता है केवल *राष्ट्र* वहाँ हम केवल भारतीय या हिंदुस्तानी होते हैं।