पिता❤ देकर चिंतामुक्त शयन संताप-तपिश सह जगता 'वही' है| कार्य में उपस्थित 'कारणरूप' 'परिणाम' से सबको दिखता 'वही' है| प्रत्येक संतान छाया उसकी 'विभिन्न रुप' धरकर जीता 'वही' है| जीवन लगता पीड़ा शून्य 'जीवनदात्री-श्रृंगार' 'पिता' वही है|❤ ✒राजकुमारी #NojotoQuote पिता❤ देकर चिंतामुक्त शयन संताप-तपिश सह जगता 'वही' है| कार्य में उपस्थित 'कारणरूप' 'परिणाम' से सबको दिखता 'वही' है|