बस इस बात का पछतावा मुझे उम्र भर रहेगा यहां मैं रहूंगा ,कमरा रहेगा मगर तू किसी ओर के घर रहेगा मैं हर किसी को देखूंगा नफरत भरी निगाहों से अब जब कहीं इश्क की बात होगी ,जब कोई नया जोड़ा कहीं खड़ा रहेगा मैं प्रेम करूंगा मगर कहूंगा नही सब तुझपर लिखूंगा मगर साझा करूंगा नही मैं लिखूंगा की उम्र कैसे कटी ये सोच सोचकर तुझे ये कहना था, वो कहना था मगर कहूंगा नहीं मैं तेरा ही रहूंगा सारी उम्र चाहे जो हो ऐसा कह सकता हूं मगर वादा करूंगा नही मैं खिलूंगा जबरदस्ती किसी कीचड़ ,किसी नाले में मैं सुकून ना बन सका तो अब शोर बनूंगा मैं बनूंगा सब कुछ जो चाहा है तूने मैं शरबत ना बन सका तो शीर बनूंगा मैं कड़वा बन जाऊंगा जैसे नीम कोई, मैं हदोहद तक तेरा आदि बनूंगा मैं सिमट जाऊंगा बस ये ही सोचकर अगले जन्म मैं तेरा जीवन साथी बनूंगा बस इस बात का पछतावा मुझे उम्र भर रहेगा यहां मैं रहूंगा ,कमरा रहेगा मगर तु किसी ओर के घर रहेगा मैं इंतज़ार करूंगा तेरा बाहें फैला करके मगर तू किसी और की बाहों से घिरा रहेगा ©pearlikA over thumbs over time #Thinking