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लॉकडाउन के दौरान प्रवासी मजदूरों के पलायन की कुछ ऐ

 लॉकडाउन के दौरान प्रवासी मजदूरों के पलायन की कुछ ऐसी तस्वीरें आई जिसने मन को व्यथित कर दिया और आत्मा को झकझोर दिया इससे यह भी सिद्ध हो गया कि भले ही देश के गरीब मजदूर को #जीने मे बहुत #तकलीफ हो रही हैं नौकरी भी चली गयी घर भी नहीं जा पा रहे हैं खाना भी नहीं हैं लेकिन इन्होंने देश की किसी भी #सरकारी_चीज़ को #जलाया नहीं किसी पर एक #पत्थर नहीं फेंका क्योंकि इन्हें पता है यह #देश इनका है । 
साथ ही यह बात भी खुलकर सामने आ गई कि देश की सरकारों को मजदूरों की ज़रूरत बस चुनाव के वक़्त होती है या फिर शहरों में ऊंचे ऊंचे भवन व अन्य निर्माण करवाते वक़्त ।
लानत है ऐसे डिजिटल सिस्टम 
बेशर्म नेताओं और सरकार की योजनाओं पर जो अमीरों के लिए है गरीब तो आज भी बेबस है ।

*उबलते हुए आसुओं के प्याले लेकर लौटे हैं।*
*निवाले कमाने गए थे पर छाले लेकर लौटे हैं।*
 लॉकडाउन के दौरान प्रवासी मजदूरों के पलायन की कुछ ऐसी तस्वीरें आई जिसने मन को व्यथित कर दिया और आत्मा को झकझोर दिया इससे यह भी सिद्ध हो गया कि भले ही देश के गरीब मजदूर को #जीने मे बहुत #तकलीफ हो रही हैं नौकरी भी चली गयी घर भी नहीं जा पा रहे हैं खाना भी नहीं हैं लेकिन इन्होंने देश की किसी भी #सरकारी_चीज़ को #जलाया नहीं किसी पर एक #पत्थर नहीं फेंका क्योंकि इन्हें पता है यह #देश इनका है । 
साथ ही यह बात भी खुलकर सामने आ गई कि देश की सरकारों को मजदूरों की ज़रूरत बस चुनाव के वक़्त होती है या फिर शहरों में ऊंचे ऊंचे भवन व अन्य निर्माण करवाते वक़्त ।
लानत है ऐसे डिजिटल सिस्टम 
बेशर्म नेताओं और सरकार की योजनाओं पर जो अमीरों के लिए है गरीब तो आज भी बेबस है ।

*उबलते हुए आसुओं के प्याले लेकर लौटे हैं।*
*निवाले कमाने गए थे पर छाले लेकर लौटे हैं।*