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माया मरी न मन मरा,मर मर गया शरीर। आशा तृष्णा ना मर

माया मरी न मन मरा,मर मर गया शरीर। आशा तृष्णा ना मरी,कह गए दास कबीर ।।

©Priya Roy
  कबीर के दोहे
priyaroy4770

Priya Roy

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कबीर के दोहे #ज़िन्दगी

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