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पंख हैं तो बैठे क्यों हो, उड़ो इक बाज की तरह खुले

पंख हैं तो बैठे क्यों हो, उड़ो
इक बाज की तरह खुले नभ में
परिंदो की होड़ नहीं कर सकते गर
        तो इक मांझी की तरह, 
होंसलों की उड़ान उड़ो,,,,,,

©Chetram Nagauri पंख है तो बेठे क्यों हो, उड़ो

#Thoughts
पंख हैं तो बैठे क्यों हो, उड़ो
इक बाज की तरह खुले नभ में
परिंदो की होड़ नहीं कर सकते गर
        तो इक मांझी की तरह, 
होंसलों की उड़ान उड़ो,,,,,,

©Chetram Nagauri पंख है तो बेठे क्यों हो, उड़ो

#Thoughts