फिर वही बातें याद आती हैं, कह कर कुछ फिर चुप हो जाना, फिर खामोश रह के आज़माना! अल्फ़ाज़ों को तोलते रहना, जज़्बातोँ का नम हो जाना! मेरा पुर इसरार मनाना, आवाज़ का मेरी रूँध जाना! तेरे ज़िद का हावी रहना, मेरी खुद्दारी का झुकना! क्या था तुमको ज़्यादा प्यारा? अपनी जिद, या साथ हमारा! अब जो तुमसे दूर हुआ हूँ तो तुमको एहसास हुआ है- वो पन्ना जो पलट दिया था अब वो सबसे ख़ास हुआ है! #nojoto #genesis #poetry #love याद #yaad