सब बदल गया (लघुकथा) सूरज एक बहुत ही होनहार लड़का था वह अपने जीवन में डॉक्टर बन कर सब की सेवा करना चाहता था इसके लिए मैं दिन-रात मेहनत ही करता रहता था और पढ़ने में भी बहुत अच्छा था वह घर में सबसे बड़ा था उसकी एक बहन और एक छोटा भाई था वह अपने परिवार के साथ प्रेम पूर्वक खुशी खुशी रह रहा था। परंतु नियति को कुछ और ही मंजूर था एक बार सपरिवार घूमने के लिए गए थे रास्ते में एक छोटे बच्चे को बचाने के चक्कर में उनकी गाड़ी एक ट्रक से टकरा गई बहुत ही भयंकर एक्सीडेंट हो गया जब सूरज को होश आया तब उसे पता चला कि उसके मां-बाप दोनों उस एक्सीडेंट में नहीं रहे उसकी छोटी बहन और भाई की जान बच गई थी सूरज पर मानो पहाड़ टूट पड़ा वह बुरी तरह से टूट गया परंतु छोटे भाई बहनों के लिए उसने हिम्मत जुटाई और फिर से जीना शुरु किया एक पल में सब कुछ बदल गया कहांँ हो डॉक्टरी की पढ़ाई करके एक डॉक्टर बनना चाहता था परंतु बड़ा भाई होने के नाते सारी जिम्मेदारी उस पर आ गई मांँ बाप के ना रहने पर उसने अपने भाई बहन को अच्छी परवरिश देने का निश्चय किया और अपना डॉक्टरी का सपना छोड़कर नई राह पकड़ ली। सब बदल गया (लघुकथा) #कोराकागज #collabwithकोराकागज #KKPC16 #विशेषप्रतियोगिता