हां, हाथ थमा था तुमने जब होश में मै नहीं थी। उठी जब रूह को ऐतबार हुआ था तुम्हारी हिम्मत और कहीं नहीं साथ ही खड़ी थी। उठाकर यूं हवाले कर दिया तुमने इस बेरहम जिंदगी के जैसे राहगीर ने हाथ बढ़ाया हो। हिस्सा बनाया क्यूं जब मै कहीं शामिल ही नहीं थी। @💔 ~ सुहानी श्रेय #Love_a_mental_disease which can make u a soulless body 😓😩