Unsplash माया मोह कि सीमाएं तो, मरघट तक ही जाती है। दुनिया में सद्कर्मों की ही, बातें बस रह जाती है। मत करना मनुष्य होकर तुम, अहंकार धन वैभव का झूठी माया नगरी है ये, पलभर में खो जाती है।। निलम अग्रवाला खड़गपुर ©Nilam Agarwalla #माया