न वादा खिलाफी थी न बेवफाई न रुसवाई थी न बेहयाई न आरज़ू थी न फ़रमाइश देखते रहे हैरान परेशान ढूंढते रहे कोई असबाब क्या हुआ क्यों हुआ वजह कुछ भी नही थी फिर क्यों यह दग़ाबाज़ी थी वजह कुछ भी नहीं थी, ज़िन्दगी यूँही रूठी थी। #वजहकुछनहीं #collab #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi