Nojoto: Largest Storytelling Platform

दिल की हर बात, पलकों से अश्क़ बन के निकले, तबस्सु

दिल की हर बात, पलकों से अश्क़  बन के निकले, 
तबस्सुम थी जो होठो पर, वो दर्द बन के निकले, 
नवाज़ा था मेरे इश्क़ को, रब की मेहर कभी जिसने, 
उसके आँखों के आशियाने से,हम ज़र्द बन के निकले...
Aaditya kumar(Aadi)...
insta-@poetry dangal #shayari #poetry #coronavirua
दिल की हर बात, पलकों से अश्क़  बन के निकले, 
तबस्सुम थी जो होठो पर, वो दर्द बन के निकले, 
नवाज़ा था मेरे इश्क़ को, रब की मेहर कभी जिसने, 
उसके आँखों के आशियाने से,हम ज़र्द बन के निकले...
Aaditya kumar(Aadi)...
insta-@poetry dangal #shayari #poetry #coronavirua