पितृ दिवस पर पिता को समर्पित पिता पर क्या मैं लिख पाऊं है पिता ने ही तो मुझे लिखा पिता सा संरक्षक दुनिया में न मुझको कोई और दिखा यदि मां है घर की प्रथम गुरु दुनियां के गुरु पिता ही हैं दुनियादारी के प्रथम पाठ की शिक्षा उन्हीं से पाई है हमको चलना ना आता था तब कंधे पे हमें घुमाते थे हमारी एक मुस्कान के लिए कितने कष्ट उठाते थे हम गलत राह पर ना जाएं इसलिए डांट तो लगाते थे पर बच्चों की आंखों में आंसू कभी देख ना पाते थे तकलीफ हो चाहे जितनी भी आंखों में आंसू ना लाना दुख में भी कैसे हंसते हैं ये पापा से ही है जाना मां ने दी थी ममता लेकिन दृढ़ता पापा ने सिखलाई सब कुछ संभव है दुनियां में ये बात उन्हीं ने बतलाई पिता ने दी आजादी पर अनुशासन भी सिखलाया है जग में जी लें सम्मान से हम इस लायक हमें बनाया है अपनी हर ख्वाहिश मार के उन्होंने सब कर्तव्य निभाए हैं आजीवन ऋणी हूं पिता की जो दुनियां में मुझको लाएं हैं हे पिता तुम्हें शत शत वंदन शत शत वंदन हर बार नमन🙏 मीनेश चौहान फर्रुखाबाद (उत्तर प्रदेश) ©Minesh chauhan #फादर्स_डे #FathersDay2021 Danmal Yadav