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कैसे कहूँ उस एल मुलाकात की बात मैं और उनकी उस रात

कैसे कहूँ उस एल मुलाकात की बात
मैं और उनकी उस रात की बात...
अदाओं, फिज़ाओं का किसी को इल्म नहीं था..
चाहत का सवार दोनों पे जूनून इस क़दर था..
अँधेरों में भी उजालों सी रौशनी थी..
दोनों की मुस्कुराहट से पूरी कायनात जगमगा उठी थी..
ख़ामोश लब थे मग़र दोनों की आँखों में बेताबी थी..
उसकी छुअन से मैं और खिल उठी थी..
दिल जोड़ से धरक रहा था...
जब उसने अपनी हाथों से, मेरे चेहरे पे लहलहा रही ज़ुल्फों को 
सुलझाया था...
उसकी उस एक छुअन में क्या बताऊँ कैसा जादू था..
नशा कुछ इस क़दर छाया मुझपे की,
सुर्ख़ लबों पर बोसो की बारिश होने लगी..
बाहों के घेरे में जब उसने अपनी मुझे लिया था...
रंग-ए-हया से फिर रुख्सार निखर गया था..
मय का हर घुट हलक में इस क़दर उतर गया था की,,
शब-ए-इश्क़ में फिर मैं हद से गुज़र गई थी...!!

©rishika khushi #रातकीबात 
#रातकीबात  
#nojotonews  
#nojotoenglish 
#raatkibaat
कैसे कहूँ उस एल मुलाकात की बात
मैं और उनकी उस रात की बात...
अदाओं, फिज़ाओं का किसी को इल्म नहीं था..
चाहत का सवार दोनों पे जूनून इस क़दर था..
अँधेरों में भी उजालों सी रौशनी थी..
दोनों की मुस्कुराहट से पूरी कायनात जगमगा उठी थी..
ख़ामोश लब थे मग़र दोनों की आँखों में बेताबी थी..
उसकी छुअन से मैं और खिल उठी थी..
दिल जोड़ से धरक रहा था...
जब उसने अपनी हाथों से, मेरे चेहरे पे लहलहा रही ज़ुल्फों को 
सुलझाया था...
उसकी उस एक छुअन में क्या बताऊँ कैसा जादू था..
नशा कुछ इस क़दर छाया मुझपे की,
सुर्ख़ लबों पर बोसो की बारिश होने लगी..
बाहों के घेरे में जब उसने अपनी मुझे लिया था...
रंग-ए-हया से फिर रुख्सार निखर गया था..
मय का हर घुट हलक में इस क़दर उतर गया था की,,
शब-ए-इश्क़ में फिर मैं हद से गुज़र गई थी...!!

©rishika khushi #रातकीबात 
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