छुप नहीं सकते तुम अदृश्य प्रयासों से जहां प्रयास होगा वहां बाधाएं होंगी। छुप नहीं सकते तुम इंद्रियों पर नियंत्रण से जो मूल स्वभाव होगा वो आकार लेगा। छुप नहीं सकते तुम आँख में धूल झोंककर यहां मन की गाथा मन ही मन रहती है। छुप नहीं सकते तुम असत्य के व्यपार से दबा हुआ सोना शोक नहीं मानता। छुप नहीं सकते तुम स्वयं से आंशिक भी कब तक बहलाओगे अंत होगा। पता नहीं क्यों सब लोग छुपते फिर रहे हैं! सुप्रभात। हम लाख छुपने की कोशिश करें मगर अपने आप से छुप नहीं सकते। #छुपनहींसकते #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi #विप्रणु #yqdidi #life #poetry