कोरा काग़ज़ प्रथम चरण:- कविता शीर्षक :- चरित्र स्वर्णिम विकास के लिए अच्छे चरित्र का निर्माण करो नैतिक मूल्यों को अपनाकर व्यक्तित्व का निखार करो, संस्कारों में ढलकर अपने पूर्वजों का नाम रौशन करो सहनशीलता,सेवाभाव,उदारता गुणों का विस्तार करो, शिक्षा से दृढ़ नींव गढ़कर आत्मा का सुंदर श्रृंगार करो भेदभाव मिटाकर सब धर्मों का हृदय से मान करो, नारी सा ममत्व गुण अपनाकर मानव प्रति संवेदनशील बनो करुणा,निस्वार्थ प्रेम से संबंधों में सुदृढ़ता स्थापित करो, विकट परिस्थितियों में धैर्य रखकर कनक सा खरा बनो मेहनत से ही अपने सफलता के पथ का नव निर्माण करो। कृप्या शेष कविता अनुशीर्षक में पढ़ें। KKPC27 कोरा काग़ज़ प्रथम चरण:- कविता शीर्षक:- चरित्र स्वर्णिम विकास के लिए अच्छे चरित्र का निर्माण करो नैतिक मूल्यों को अपनाकर व्यक्तित्व का निखार करो,