Nojoto: Largest Storytelling Platform

सपनो से मिलाया तूने, मेरे दर्द को अपनाया तूने, घर

सपनो से मिलाया तूने,
मेरे दर्द को अपनाया तूने,
घर को रौशनी दी हैँ,
दूर बैठे अपनों को हसीं दी हैँ,
 कैसे अदा करूँगा ये सब 
 ऐ बड़े शहर तेरा बहुत एहसान हैँ मुझपर! dibyendu roy chowdhury Amy The poetry Mr. Raj  Omvikash Aimming gamers
सपनो से मिलाया तूने,
मेरे दर्द को अपनाया तूने,
घर को रौशनी दी हैँ,
दूर बैठे अपनों को हसीं दी हैँ,
 कैसे अदा करूँगा ये सब 
 ऐ बड़े शहर तेरा बहुत एहसान हैँ मुझपर! dibyendu roy chowdhury Amy The poetry Mr. Raj  Omvikash Aimming gamers