मेरी तमन्नाओं को एहसास कहां था इतना, कि मेरी तमन्नाओं का गला घोंट दोगी तुम। नहीं था पता, कि मेरे कलेजे से दिल निकाल फुटबॉल बना फेंक दोगी तुम। ख़ुद से ज्यादा चाहा था तुमको सराखों पर बिठा घुमाया था तुमको पर यह एहसास कहां था, कि मेरी मुहब्बत को यूँ अंगारों में जला फेंक दोगी तुम। #दिल की तमन्ना# #अपनी क़लम से#