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।।योग::प्रकृति का अनमोल उपहार।। जीवन में एक संकल्प

।।योग::प्रकृति का अनमोल उपहार।।
जीवन में एक संकल्प करें,हम सब मिलकर योग करे,
तन और मन को स्वस्थ करे,जीवन को अपने दीर्घायु करे,

गहरी सांसों को हम ग्रहण करे,नियमित अनुलोम विलोम करे,
कपाल भाति से तन निरोग करे,भस्त्रिका कर मस्तिष्क प्रबल करे,

सभी शक्तियों का आगाज करे,बेचैन मन को हम प्रफुल्लित करे,
तन में हम अपने पैदा स्फूर्ति करे,खिलते योवन का एक श्रृंगार करे,

ईश्वर के खजाने का उपयोग करे,हम अपने दिल दिमाग सक्रिय करे,
अपने जोड़ो को हम शतायु करे,आँखों की रौशनी को हम दिव्य करे,

सूर्योदय में उठ सूर्य प्रणाम करें,ताज़ी हवा को अपने नाम करे,
ठंडे जल से सुबह जल्द स्नान करें,वेद शास्त्रो का नियमित पाठ करे,

व्यर्थ बढ़े वजन को सब कम करे,तांत्रिका तंत्र को हम मजबूत करे,
तंदुरुस्ती से जीवन खुशहाल करे,चुस्ती फुर्ती से खुशियों का मान करे,

कवि अनुराग कहे सब योग करे,स्वस्थ जीवन को अपने नाम करे,
जीवन में हम  एक संकल्प करें,आओ हम सब मिलकर योग करे,
"स्वर्णिम"अनुराग चौरसिया
रतलाम मप्र
9039509403


 योग दिवस पर मेरी कविता....
।।योग::प्रकृति का अनमोल उपहार।।
जीवन में एक संकल्प करें,हम सब मिलकर योग करे,
तन और मन को स्वस्थ करे,जीवन को अपने दीर्घायु करे,

गहरी सांसों को हम ग्रहण करे,नियमित अनुलोम विलोम करे,
कपाल भाति से तन निरोग करे,भस्त्रिका कर मस्तिष्क प्रबल करे,

सभी शक्तियों का आगाज करे,बेचैन मन को हम प्रफुल्लित करे,
तन में हम अपने पैदा स्फूर्ति करे,खिलते योवन का एक श्रृंगार करे,

ईश्वर के खजाने का उपयोग करे,हम अपने दिल दिमाग सक्रिय करे,
अपने जोड़ो को हम शतायु करे,आँखों की रौशनी को हम दिव्य करे,

सूर्योदय में उठ सूर्य प्रणाम करें,ताज़ी हवा को अपने नाम करे,
ठंडे जल से सुबह जल्द स्नान करें,वेद शास्त्रो का नियमित पाठ करे,

व्यर्थ बढ़े वजन को सब कम करे,तांत्रिका तंत्र को हम मजबूत करे,
तंदुरुस्ती से जीवन खुशहाल करे,चुस्ती फुर्ती से खुशियों का मान करे,

कवि अनुराग कहे सब योग करे,स्वस्थ जीवन को अपने नाम करे,
जीवन में हम  एक संकल्प करें,आओ हम सब मिलकर योग करे,
"स्वर्णिम"अनुराग चौरसिया
रतलाम मप्र
9039509403


 योग दिवस पर मेरी कविता....