#पहाड़ और जीवन :एक स्वप्न बहुत मेहनत करते लोग कौन सा राश्ता किधर जायेगा ये पहाड़ो की गिली मिट्टी मानो रो कर कह रही थी मुझसे,ओ मल्लिका इतनी पागलपंती और मासूमियत लेकर क्यों आयी हो ये नाजुक पैर पतथरो से लगकर छलनी हो जाएंगे फिर भी मैं अलमस्त अपनी राहो पर चलती रही कुछ लोगो से पूछा किधर है राश्ता बताओ तो वो बोल दिए उधर, मैने पूछा गंदे बच्चे हो उधर से तो आ रही हु 😊 जाओ छोड़ो मैं नदियों से मिलने जा रही फिर सोचा थोड़ा नखरा दिखाऊ फिर ध्यान आया मुझे तो सादगी है पसंद फिर एक ख्याल आया मिट्टी सा वजूद जिनका उन्हें मिट्टी में मिलने में परेशानी नहीं होगी हकिकत में जीना ज़िन्दगी को वो ऊपरवाला किसी के नखरे नहीं झेलता...... ©Mallika #पहाड़ #पहाड़ी #ज़िन्दगी #Travelstories