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कब कहाँ सब खो गयीं, जितनी भी थी परछाइयाँ। उठगयीं

कब कहाँ सब खो गयीं,

जितनी भी थी परछाइयाँ।

उठगयीं यारों की महफ़िल,

हो गयीं तन्हाईयाँ।

क्या किया शायद कोई,

पर्दा गिराया आपने।

दर्दे दिल दर्दे जिगर,

दिल में जगाया आपने।

पहले तो मैं शायर था,

आशिक़ बनाया आपने। कई दिनों से सुबह सुबह उठते ही यह गीत जाने क्यों ज़ेहन में आता था।
मैं गुनगुनाकर अपने कार्यों में लग जाता।
आज जब ख़बर सुनी कि #ऋषिकपूर नही रहे तो आह कर रह गया। गिने चुने पसन्द के फ़िल्म अभिनेताओं में ये शीर्ष पर थे। बंजारिन, नगीना, दीवाना, कर्ज, बडे घर की बेटी, प्रेमरोग, हिना,बॉबी, बोल राधा बोल, जैसी बहुत शानदार मूवी देख कर बड़ा हुआ मैं ऋषिकपूर का जबरा फैन हूँ। बहुत दुःख हुआ।ईश्वर से प्रार्थना है कि इस कलाकार को फिर से मेरे देश में ही भेज दे।
:
ये जीवन जितनी बार मिले...
हरबार मुझे तेरा प्यार मिले।
:
आपकी मदहोश नजरें,
कब कहाँ सब खो गयीं,

जितनी भी थी परछाइयाँ।

उठगयीं यारों की महफ़िल,

हो गयीं तन्हाईयाँ।

क्या किया शायद कोई,

पर्दा गिराया आपने।

दर्दे दिल दर्दे जिगर,

दिल में जगाया आपने।

पहले तो मैं शायर था,

आशिक़ बनाया आपने। कई दिनों से सुबह सुबह उठते ही यह गीत जाने क्यों ज़ेहन में आता था।
मैं गुनगुनाकर अपने कार्यों में लग जाता।
आज जब ख़बर सुनी कि #ऋषिकपूर नही रहे तो आह कर रह गया। गिने चुने पसन्द के फ़िल्म अभिनेताओं में ये शीर्ष पर थे। बंजारिन, नगीना, दीवाना, कर्ज, बडे घर की बेटी, प्रेमरोग, हिना,बॉबी, बोल राधा बोल, जैसी बहुत शानदार मूवी देख कर बड़ा हुआ मैं ऋषिकपूर का जबरा फैन हूँ। बहुत दुःख हुआ।ईश्वर से प्रार्थना है कि इस कलाकार को फिर से मेरे देश में ही भेज दे।
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ये जीवन जितनी बार मिले...
हरबार मुझे तेरा प्यार मिले।
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आपकी मदहोश नजरें,