मुस्कुराते चेहरे का फरेब बड़ा कातिलाना था जिनकी मौज मे बेहकर मै मस्ती मे आ गया, समंदर पे राज करने की ख्वाहिश मे जमीं क्या छोड़ा मेहंगी गाड़ी से आज मै टूटी कस्ती पे आ गया सस्ती शराब का पता पूछता रेहता हूं आजकल मै चमकते शहर से आज बस्ती पे आ गया अब मुझ जैसे सैतान और उस साधु मे फर्क क्या है मै ज़माने से डरकर मैखाने जा पंहुचा वो जिम्मेदारी से डरकर भक्ति मे आ गया... #शैतान