एक सिकन तक ना थी उनके चेहरे पर, मुस्कुराहटें जैसे खेल रहीं थीं उनके लबों पर, हम तो बेवज़ह ही रोया करते थे उनकी ख़ामोशियों पर, वो तो मशगूल थे किसी और के खुशियों पर। -रूपेश शर्मा #depression #RupeshSharma #hiddenfeeling #loveshyari