ना वो अजनबी हैं हमसे,ना हम उनसे हैं पराए हौले से मुस्कुरा दिए वो,दर्द सारे काफ़ूर हो गए ये इश्क का शहर है,ये इश्क के हैं नियम बेचैनी में भी करार आ रहा है,शायद उन्हें हम मंजूर हो गए धड़कने बढ़ गई हैं,जबसे उन्होनें छुआ है उन्होनें छू लिया है जबसे,हम बेकसूर हो गए... Challenge-142 #collabwithकोराकाग़ज़ 6 पंक्तियों में अपनी रचना लिखिए :) #वोअजनबी #कोराकाग़ज़ #yqdidi #yqbaba #YourQuoteAndMine Collaborating with कोरा काग़ज़ ™️