हमारे रिश्ते पतंग की तरह होते हैं डोर हमारे हाथ में रहती है, और पतंग कब कट जाती है पता ही नही चलता है ... मुझे मालूम है उड़ती पतंगों की रवायत, गले मिलकर गला काटू मैं वो मांझा नही..... हमारे रिश्ते पतंग की तरह होते हैं डोर हमारे हाथ में रहती है, और पतंग कब कट जाती है पता ही नही चलता है ... मुझे मालूम है उड़ती पतंगों की रवायत, गले मिलकर गला काटू मैं वो मांझा नही.....