सांसे अटक रही है भटकने से। चिता सुलग रही है बाहर टहलने से। कोई कहता है ये महामारी आई है। नही ये आपके हिसाब की बारी आई है 🙏मिलिंद जी🙏 #हिसाब #की#बारी #आई#है