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सांसे अटक रही है भटकने से। चिता सुलग रही है बाहर ट

सांसे अटक रही है भटकने से।
चिता सुलग रही है बाहर टहलने से।
कोई कहता है ये महामारी आई है।
नही ये आपके हिसाब की बारी आई है
🙏मिलिंद जी🙏 #हिसाब #की#बारी #आई#है
सांसे अटक रही है भटकने से।
चिता सुलग रही है बाहर टहलने से।
कोई कहता है ये महामारी आई है।
नही ये आपके हिसाब की बारी आई है
🙏मिलिंद जी🙏 #हिसाब #की#बारी #आई#है
vijaymilind6573

Vijay Milind

New Creator