तेरे चाहत की बारिश में आज डूब जाऊंँ तुम घटा बन जाओ मैं बादल बन जाऊंँ मुझे ज़िन्दगी के ऐसे ही कुछ पल चाहिए चाहत भरी बारिश और संग तू चाहिए इस चाहत की बारिश में भीग जायेंगे दिल में तमन्ना के फूल खिल जायेंगे जब भी पड़ती हैं ये चाहती की बारिश की बूंदे तेरे गालों को मेरी चाहत शर्म से लाल कर जाती है चाहत की बारिश की बूंदे जो गिरे तेरे लबों पर उन्हें अपने लबों से आज उठाने की ख्वाहिश है। ♥️ Challenge-760 #collabwithकोराकाग़ज़ ♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें :) ♥️ रचना लिखने के बाद इस पोस्ट पर Done काॅमेंट करें। ♥️ अन्य नियम एवं निर्देशों के लिए पिन पोस्ट 📌 पढ़ें।