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बारिश , रेल और मैं काफी दिनों बाद आज स्लीपर में य

 बारिश , रेल और मैं  काफी दिनों बाद आज स्लीपर में यात्रा करी । यहां खिड़की के करीब बैठके , बारिश को बूँदों को शीशे पर गिरते हुए देखा और फिर अपने हाथ से उन को कैद करने की कोशिश करी ।
     सुबह सुबह वो मिटटी पर गिरी बारिश को बूंदों की सौंधी सौंधी खुशबु मह्सूस करी तो पाया की ऐसी के बंद खिड़कियों ने सहूलियत तो बहुत दे दी है , पर कुदरत के इन लाजवाब चीजों से हमें वंचित कर दिया है ।
मेट्रो शहर में रहने वाले हम लोग जो बारिश को एक फ़ज़ीहत की तरह देखते हैं , ऐसा लगता है अपनी दिनचर्या के खातिर कितनी खूबसूरत चीजों को मह्सूस करने से रह जाते है । वैसे तो हमारे लिए सोमवार आफत भरा दिन होता , पर आज इस मौसम की रूमानियत को देख कर लगता है की आज का दिन कितना खूबसूरत है । 

#PS #Nojoto #NojotoHindi #MondayMotivation
 बारिश , रेल और मैं  काफी दिनों बाद आज स्लीपर में यात्रा करी । यहां खिड़की के करीब बैठके , बारिश को बूँदों को शीशे पर गिरते हुए देखा और फिर अपने हाथ से उन को कैद करने की कोशिश करी ।
     सुबह सुबह वो मिटटी पर गिरी बारिश को बूंदों की सौंधी सौंधी खुशबु मह्सूस करी तो पाया की ऐसी के बंद खिड़कियों ने सहूलियत तो बहुत दे दी है , पर कुदरत के इन लाजवाब चीजों से हमें वंचित कर दिया है ।
मेट्रो शहर में रहने वाले हम लोग जो बारिश को एक फ़ज़ीहत की तरह देखते हैं , ऐसा लगता है अपनी दिनचर्या के खातिर कितनी खूबसूरत चीजों को मह्सूस करने से रह जाते है । वैसे तो हमारे लिए सोमवार आफत भरा दिन होता , पर आज इस मौसम की रूमानियत को देख कर लगता है की आज का दिन कितना खूबसूरत है । 

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