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तेरा लाख-लाख शुक्र है! हे प्रभो! हे कुदरत! हे प्रक

तेरा लाख-लाख शुक्र है!
हे प्रभो! हे कुदरत! हे प्रकृति!
चार दिन तक जितनी हृदयहीनता से
कठोरता से थपेड़े मारे तूने मौसम के,
आज उतना ही दुलार दिया
करारी, प्यारी धूप देकर!
कल तक भयंकर ठंड, बरखा,
ओले और शीत लहरें,
आज कितना शांत,स्वच्छ, निर्मल
 नीला आसमान और चांदी जैसी उजली धूप!
बाकी तो ऐसा नहीं होता,
थोड़ी थोड़ी देर में मद्धम होती जाती है
पर आज ज्यों की त्यों तीव्रता के साथ बरकरार है!
हे प्रकृति, तेरा हिसाब एकदम खरा है
तेरा दण्ड, दुत्कार जितना पक्का है
तेरा प्यार दुलार भी उतना ही सच्चा है!
ये मनुष्य अपने को कितना ही महान समझे
तेरी क्रीड़ा के आगे एकदम बच्चा है!
यह कब होगा बड़ा
कोरोना की मार खाकर भी बिल्कुल कच्चा है!!

© Anjali Jain है प्रभो, तेरा शुक्र है ०९-०१-२२

#Thoughts
तेरा लाख-लाख शुक्र है!
हे प्रभो! हे कुदरत! हे प्रकृति!
चार दिन तक जितनी हृदयहीनता से
कठोरता से थपेड़े मारे तूने मौसम के,
आज उतना ही दुलार दिया
करारी, प्यारी धूप देकर!
कल तक भयंकर ठंड, बरखा,
ओले और शीत लहरें,
आज कितना शांत,स्वच्छ, निर्मल
 नीला आसमान और चांदी जैसी उजली धूप!
बाकी तो ऐसा नहीं होता,
थोड़ी थोड़ी देर में मद्धम होती जाती है
पर आज ज्यों की त्यों तीव्रता के साथ बरकरार है!
हे प्रकृति, तेरा हिसाब एकदम खरा है
तेरा दण्ड, दुत्कार जितना पक्का है
तेरा प्यार दुलार भी उतना ही सच्चा है!
ये मनुष्य अपने को कितना ही महान समझे
तेरी क्रीड़ा के आगे एकदम बच्चा है!
यह कब होगा बड़ा
कोरोना की मार खाकर भी बिल्कुल कच्चा है!!

© Anjali Jain है प्रभो, तेरा शुक्र है ०९-०१-२२

#Thoughts
anjupokharana7639

Anjali Jain

New Creator

है प्रभो, तेरा शुक्र है ०९-०१-२२ Thoughts #विचार