हमारी फ़िक्र जो सुबह और शाम करती है हर एक गम साथ अपने और ख़ुशी मेरे नाम करती है मुझपे संकट जो आता है मेरी रक्षक बो बनती है मुझे राहे दिखाने को मार्गदर्शक बो बनती है गलत जब काम करता हूँ मुझपे गुस्सा भी करती है जहाँ में पर बो सबसे ज्यादा मुझसे प्यार करती है ना ईश्वर तक जो कर पाय माँ बो काम करती है माँ