फौजी हूँ सीमा पर ही तो मेरा ठिकाना है, मुकद्दर में पटाखे नहीं, गोली बारूद चलाना है, इज़ाज़त हो तो दो दिन मैं भी खुशियाँ मना लूं, मेरे घर भी दीवाली है, मुझे भी घर जाना है..।। वर्ष भर दीप सा जल,वतन रौशन करता हूँ, चोट खाने पर अकेला ही, मैं आहें भरता हूँ, अपनों से मिल मुझे भी तो दो आँसू बहाना है। मेरे घर भी दीवाली है, मुझे भी घर जाना है।। फ़र्ज़ उस सा निभा लेता हूँ,पर खुदा मैं नहीं हूँ, दर्द होता है, संवेदनाओं से जुदा मैं नहीं हूँ, बेटा हूँ, माँ-बाप का भी तो कर्ज़ चुकाना है। मेरे घर भी दीवाली है, मुझे भी घर जाना है।। मेरे शुभ-लाभ,मेरे बच्चों की याद सताती है, मेरी लक्ष्मी मुझे मिलने को आंसू बहाती है, उसके आँगन भी खुशियों के कुछ दीप जलाना है। मेरे घर भी दीवाली है, मुझे भी घर जाना है।। हर तमन्ना आँसू बन अब आंखों से बह गई, रौशनी मुल्क की मेरा दिल भी रौशन कर गयी, मैं खुश हूँ, वतन में जो खुशियों का ख़ज़ाना है। छोड़ो इस साल भी घर नहीं जाना है। छोड़ो इस साल भी घर नहीं जाना है।। मुझे भी घर जाना है हमारे रक्षकों को शत शत नमन🙏 #फौजी #दीवाली #दीपावली #happydiwali #diwali #nozoto #NozotoHindi #hindikavita #hindipoet