ढलता सूरज, बदला मौसम, सर्द हवा ये, अंधेरे से अब, मुलाकात भी होगी ! दिये सा मुस्तकबिल है मेरा , अधूरे लिहाफ ये, सफर की अब, शुरुआत भी होगी ! कोन कहां, ये खुदा जाने , गुमसुम मौसम ये , शायद अब, बरसात भी होगी ! वीरान ये राहें, घुप अंधेरा, अजीब सन्नाटा ये, राहों पर अब, बिसात भी होगी ! ©Sandeep Delu(Bishnoi) #लव #Yaad #India #Shayari #shayri #hindi_poetry #Hindi #SunSet