उसकी आँखों से छलकता हुआ आँशु देखा है मैंने, उसके चेहरे पर फिशलता हुआ आँशु देखा है मैंने, वो मेरे वक्त का मंजर ही कुछ यूँ था, की अपने महबूब को गैर की बाहों में देखा है मैंने।। Ektayadav ###bewafa line ###