"चुन कर बागों से-ए -गुलाब, बोतलों में तुझे बन्द किया। दिलों को मिलाने की ख्वाईश ने तेरे, वो इत्र दान को तोड़कर, दो दिलों को मौका दिया।। 🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹 तेरी वो खुशबू अब भी महकती हैं