बन्दी लिपि १ भय में जीना भी सीख लिया, अपने आपको जाना, असीमित स्वतंत्रता की मोल बड़ी, दूरी में आंतरिकता बड़ी, वास्तविक मित्र बने, प्यार और भी खीर बने, हँसी रोना व्यर्थ लागे, गीतों की पंक्तियों में, कविताओ के लय में, गाथाओं के अक्षरों में, ज्ञान के महासागर में, खोते रहे हर बार। बन्दी लिपि का पहेला कविता #lockdowndiary #yqdidi #bandilipi