धुआं उठा है आज यादों का धुआं ! बेसबब है ये धुआं निराधार है यादें, गुजरे पल सब निराधार ! सिर्फ दर्द देता है, जहन में लाता है फिर वो मुलाकात, फिर से जगा देता वो जज़्बात, ये यादों का धुआं। बिखरी हुई मेरी जिंदगी में मचाता उत्पात, धुली हुई पोशाक सी ये जिंदगी लगा देता दाग़ 'यादों का धुआं'!!!