।।जय श्री राम।। पवन तनय संकट हरण ,मंगल मूरति रूप। राम लखन सीता सहित, हृदय बसहु सुर भूप।। नासे रोग हरे सब पीरा ,जपत निरन्तर हनुमत बीरा।।