।। ओ३म् ।। अयज्ञियो हतवर्चा भवति ।। यज्ञ न करनेवाला का तेज नष्ट हो जाता है । The sharpness of the non-sacrificer is destroyed. ( अथर्ववेद १२.२.३७) #अथर्ववेद #वेद #यज्ञ #तेज #श्रेष्ठ_कर्म #परमतप