ये चीखें यूँही गूँजती रहेंगी, अखबार दरिंदगी से भरे होंगे, हम तो बस ऑफिसों में बहस करते रहेंगे, घर जाकर फिर tv पर एक और बहस सुनेंगे, वो tv पर बैठे क्या गलत क्या सही की दलीलें देंगे, नई नई खबरों से अपनी टीआरपी बढ़ाते रहेंगे, तुम सोचते रहना,एक दिन तुम्हारे साथ भी ऐसा हो जाएगा, जो सपनो में नही सोचा, वैसा कुछ घट जाएगा, सब को अपनी पड़ी है, सब अपना अपना सोचते है, किसके साथ बलात्कार हुआ, गूगल पर खोजते हैं, तुम तो घर मे बैठो,तुम्हारे साथ क्या होगा, जिसे जलाकर मार दिया, कभी उसने भी ऐसा ही सोचा होगा। जब सब सामने होता है फिर क्यों नही इंसाफ होगा, बालिग- नाबालिग करते रहने से कुछ नही होता संविधान क्यों नही कहता,दोषी कोई हो माफ नही होगा, हम तो आम जनता है हमारी आवाज कौन सुनेगा, जरा सोच कर तो देखो, सोचने से क्या क्या होगा।। #yqbaba #nirbhaya #hydrabadrapecase #rape #society #people