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बचपन में जो लगे मनोहर वो सैडलों की बीती सीटी होती

बचपन में जो लगे मनोहर 
वो सैडलों की बीती सीटी होती है 
प्रम पत्र से कहीं ज्यादा प्यारी 
 विवाह वाली चिट्ठी होती है 
घनी ठंड में जो लागे प्यारी 
वो आग वाली अंगीठी होती है 
पर माँ बाप जब बुलाते 
कहकर "बेटा"
वो आवाज मिश्री से मीठी होती है 
 माँ बाप की आवाज
बचपन में जो लगे मनोहर 
वो सैडलों की बीती सीटी होती है 
प्रम पत्र से कहीं ज्यादा प्यारी 
 विवाह वाली चिट्ठी होती है 
घनी ठंड में जो लागे प्यारी 
वो आग वाली अंगीठी होती है 
पर माँ बाप जब बुलाते 
कहकर "बेटा"
वो आवाज मिश्री से मीठी होती है 
 माँ बाप की आवाज