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कभी अचानक हंसते हुए तो कभी गुस्से के पीछे, कभी हजा

कभी अचानक हंसते हुए
तो कभी गुस्से के पीछे,
कभी हजारों कामों के बीच
तो कभी एक सुकून भरी शाम में,
कभी अचानक बातों बातों में
तू कभी बस यूं ही,
आ जाती है वो आंखों में
कभी पल भर के लिए
तो कभी कुछ पहर के लिए,
कभी आंसू बनकर बहती है
तो कभी वक़्त के साथ ठीक रहती है,
और जाके दिल के एक कोने में
फिर से चुपचाप बैठती है,
भूलती नहीं हूं मैं उन्हें
के वो बार-बार यूं आ जाती है,
पर अपने अंदर मेरे कुछ दुःख 
ऐसे बटोर के वो रहती है,
की घुटन हो जाने पर
कभी कबार यू दस्तक देती है
मेरी कुछ उदासीया। 🧡📙📙🧡
#sadness #sadpoem #grief #suffocation #emotions #accepted #hindipoems #grishmapoems
कभी अचानक हंसते हुए
तो कभी गुस्से के पीछे,
कभी हजारों कामों के बीच
तो कभी एक सुकून भरी शाम में,
कभी अचानक बातों बातों में
तू कभी बस यूं ही,
आ जाती है वो आंखों में
कभी पल भर के लिए
तो कभी कुछ पहर के लिए,
कभी आंसू बनकर बहती है
तो कभी वक़्त के साथ ठीक रहती है,
और जाके दिल के एक कोने में
फिर से चुपचाप बैठती है,
भूलती नहीं हूं मैं उन्हें
के वो बार-बार यूं आ जाती है,
पर अपने अंदर मेरे कुछ दुःख 
ऐसे बटोर के वो रहती है,
की घुटन हो जाने पर
कभी कबार यू दस्तक देती है
मेरी कुछ उदासीया। 🧡📙📙🧡
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