इस रिहाई में थोड़ा तुम, थोड़ा मैं, 'हम' हो जाएं, ऐसे कि सब गम फ़ना, अफ़सोस ख़त्म हो जाए! Kisson में qaid होना behtar hai... Dard में अब यूँ siska नहीं जाता। अपने तो तुमसे है कम, बेहतर है पूरे के पूरे तुम हो जाते, वक्त थम जाता ..! 🤗 Shree