मिलता है जो सच्चे दिल से चाहता है, ये सब कहने की बातें है। एक तेरे ख्यालों की जरूरत नहीं मुझे, पर हर वक्त आते है। कभी तू भी तो आ मेरी ख्वाहिशों पे लगे तालों को तोड़, मेरी उदासी तुज्से नही तू मेरी किताब का एक पन्ना तो खोल। कोई राज़ नहीं है मेरा शायद इसीलिए हर बार टूटता हू तेरी तस्वीर को देख कर में जुगनू सा जगमगा उठता हु। रूठता हु खुदसे फिर खुदको मानता हु, तुझे न देखने के हजारों बहाने बनाता हु तू मुकम्मल हो मुझे या ना हो मगर हमारी वो कुछ पलों की बातों के किस्से में सबको सुनाता हु। ©dpatel #poetry #dpatel